हत से जुड़े हर अच्छे-बुरे फैसले इंसान की बायोलॉजिकल उम्र को लंबा या छोटा करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. हम क्या खाते हैं. कितना खाते हैं. हमारा मूड, पर्सनैलिटी हर एक चीज का हमारी उम्र के साथ सीधा कनेक्शन होता है. मेमोरी से जुड़ी दिक्कत, झुर्रियां, कमजोर मांसपेशियां, खराब त्वचा और थकावट ये सभी एजिंग के लक्षण हैं. रोजमर्रा की कई बुरी आदतें इन सबके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. आइए आज आपको ऐसी 10 बुरी आदतों के बारे में बताते हैं जो एजिंग को बढ़ावा दे रही हैं.
दिनभर बैठे रहना : एक गतिहीन जीवनशैली एजिंग की समस्या को ट्रिगर करती है. दिनभर कुर्सी पर बैठे रहना भी इंसानों के लिए खतरनाक है. इससे क्रॉनिक डिसीस का जोखिम बढ़ाने से लेकर कोविड, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डिप्रेशन और एन्जाइटी से मौत की संभावनाएं बढ़ती हैं. यह बुरी आदत इंसान को तेजी से बुढ़ापे की ओर धकेल रही है.
अनहेल्दी फूड- इंसान की जीवन रेखा को कम करने में अनहेल्दी फूड का भी बड़ा रोल है. हाई सैचुरेटेड वाला फूड, बैड कोलेस्ट्रोल शुगर और सोडियम शरीर में इंफ्लेमेशन को बढ़ाने का काम करते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि अनहेल्दी चीजें खाने से इंसान की उम्र तेजी से बढ़ती है. इसलिए बाजार में बिकने वाले अनहेल्दी फूड से सख्त परहेज करें.
हंसने से परहेज- अगर आप लंबे समय से हंसे नहीं हैं तो जल्दी ही कॉमेडी शो या फिल्में देखना शुरू कर दीजिए. हंसने में कंजूसी दिखाने से स्ट्रेस लेवल बढ़ता है जो हमारे बॉडी सेल्स की फाइटिंग इंफेक्शन कैपिसिटी को प्रभावित कर सकता है. हंसने से शरीर में अच्छा फील कराने वाले हार्मोन रिलीज होते हैं, जो हमे दुरुस्त और सेहतमंद बनाए रखते हैं.
घर में कैद रहना- जब से कोरोना की महामारी आई है, हर किसी ने घर में कैद रहने की आदत डाल ली है. लेकिन ऐसा करना हमारी हेल्थ के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है. इसलिए तुरंत रनिंग शूज पहनें और बाहर घूमने-टहलने की तैयारी करें. घर में कैद रहने से हमारी मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है और एजिंग प्रोसेस भी तेज होता है.
ज्यादा स्क्रीन टाइम- आपके लैपटॉप या स्मार्टफोन से निकलने वाली रोशनी भी एजिंग प्रोसेस को प्रोमोट करने का काम करती है. स्टडीज के मुताबिक, मोबाइल फोन स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी से भी इंसान की जीवन रेखा प्रभावित होती है.
कम नींद लेना- एक सेहतमंद जिंदगी के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी होता है. स्टडीज की मानें तो अपर्याप्त नींद हमारी कोशिकाओं पर बुरा असर डालती हैं. इसलिए जवां रहने के लिए अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी होता है.
More Stories
सांप के काटने पर इलाज के प्रचलित लोकपरंपरागत तरीके कौन कौन से हैं ?
सांप के जहर का शरीर पर ऐसा क्या असर पड़ता है जिससे मौत हो जाती है ?
जानलेवा है नींद में सांस रुकना, दुनिया में 100 करोड़ से ज्यादा लोग हैं ग्रसित