सांप के काटने के इलाज के लिए कई सारे स्थानीय परंपरागत उपाय किये जाते हैं। सभी जहरीले सॉंप के विष के प्रति विफल है, मगर मरीज को थोडी तसन्नी देते है। इनपर समय व्यर्थ जाया न करे।
कुछ लोग एक खास तरह के पत्थर का इस्तेमाल करते हैं जिसे सांप पत्थर कहा जाता है। इससे कोई फायदा नहीं होता।
सबसे आमतौर पर लोग आहत व्यक्ति को कुछ घंटों के लिए मंदिर में रखते हैं। ८० प्रतिशत से ज़्यादा बार जो सांप का काटना ज़हरीला नहीं होता, इसलिए ज़्यादातर लोगों तो वैसे भी ठीक हो ही जाते हैं। लेकिन यह तरीका गलत है। मंदिर ले जाना इतनाही उपयोगी है क्योंकि इससे आहत व्यक्ति को थोड़ा सा दिलासा मिल जाता है। क्योंकि ज़्यादातर मामलों में आहत व्यक्ति की मौत तो डर के ही कारण होती है।
सांप डसने के ऐसे उपचार के तरीकों की कड़ी जांच करने की ज़रूरत है। क्योंकि सांप के काटने पर खतरा बहुत ही ज़्यादा होता है। सांप के काटने पर किसी भी तरह का जादुई इलाज भरोसेमंद नहीं होता है। सांप पालने वाले लोगों की भी सांप के काटने से मौत होने की बहत सी रिपोर्ट मौजूद हैं।
एक परंपरागत तरीका सांप के काटे वाली जगह पर चूज़ा लगाने का भी है। चूज़े की गुदा काटे वाली जगह पर लगाया जाता है। इसके लिए पहले काटे वाली जगह और चूज़े की गुदा दोनों पर कट लगाया जाता है। शायद चूज़े की गुदा आहत व्यक्ति के शरीर में से ज़हर खींच लेती है। ज़हर चूसने के बाद चूज़ा मर जाता है। इसके बाद दूसरे चूज़े का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यह तरीका अब त्यागना चाहिये। न उससे जान बचेगी ना चूजे! वैसे पट्टियों का इस्तेमाल करके पैर को बांध देना मानक प्राथमिक उपचार है।
More Stories
सांप के डंक मारने के बाद क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ?
सांप के जहर का शरीर पर ऐसा क्या असर पड़ता है जिससे मौत हो जाती है ?
IIFA Award २०२२ विनर की पूरी सूची